Beawar Update: नगर परिषद पौधारोपण अभियान में श्रम व धन का अपव्यय, बिना सुरक्षा उपायों के ही सड़क किनारे रोपे जा रहे है पौधे

Beawar Update : शहर में नगर परिषद प्रशासन की ओर से हरित ब्यावर के तहत 55 हजार पौधे लगाने के लक्ष्य को लेकर पौधारोपरण अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत शहर के विभिन्न वार्डो में जनप्रतिनिधियों तथा भामाशाहों के सहयोग से सघन पौधारोपण किया जा रहा है। इसी कडी में स्वयं नगर परिषद प्रशासन की और से शहरी मनरेगा के तहत महिला मजदूरों से भी पौधारोपण करवाया जा रहा है। लेकिन बिना मानिटरिंग के किए जा रहे पौधारोपण में श्रम तथा धन का अपव्यय हो रहा है। मनरेगा श्रमिक सड़कों के किनारे उगी गाजर घास के सहारे केवल हाथों से खड्डा खोदकर उसमें पौधे रोप कर अपने कार्य की इतिश्री कर रही है।

सड़क किनारे रोपे जा रहे इन पौधों की सुरक्षा की कोई पुखता व्यवस्था नहीं होने के कारण इनके पनपने की संभावना जीरो प्रतिशत दिखाई दे रही है। ऐसे में परिषद की तरफ से किया जा रहा खर्च अपव्यय ही साबित होगा। पौधारोपण के बाद पौधों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए ट्री-गार्ड अथवा कंटीली झाड़ियों से इन पौधों का बचाव करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होकर केवल मात्र उन्हें छोटे से खड्डों में लगाकर कर्त्तव्य की इतिश्री की जा रही है।

साथ ही मजेदार बात यह है कि मनरेगा श्रमिक सड़क किनारे खाली पडे निजी स्वामित्व वाले भूखंडो के आसपास भी पौधारोपण कर रही है। अगर यह पौधे पनप जाते है तो भविष्य में भूखंड स्वामी की ओर से किए जाने वाले निर्माण के दौरान उक्त पौधों को हटाना ही पडेगा। ऐसी स्थिति में जिस उदेश्य से इन पौधों को लगाया जा रहा है वह उदेश्य पूरा नहीं हो पाएगा। परिषद प्रशासन को चाहिए कि परिषद के धन का अपव्यय रोकने के लिए इसकी मानिटरिंग करें तथा पौधों की सुरक्षा के पुखता प्रबंध करे ताकि हरित ब्यावर अभियान को चार-चांद लग सके।

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